Little Known Facts About bhairav kavach.
Little Known Facts About bhairav kavach.
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वाद्यं वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा ।
ॐ ह्रीं अन्नपूर्णा सदा पातु चांसौ रक्षतु चण्डिका ।
एतद् कवचमीशान तव स्नेहात्प्रकाशितम्।
मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा ॥
Getting committed the sin of brahmahatya (the murder of a Brahmin) by decapitating Brahma, Bhairava was pursued by the awful woman personification in the sin. The skull of Brahma was nonetheless attached to his hand.
इति विश्वसारोद्धारतन्त्रे आपदुद्धारकल्पे भैरवभैरवीसंवादे वटुकभैरवकवचं समाप्तम् ॥
नागं घण्टां कपालं करसरसिरुहैर्विभ्रतं भीमदंष्ट्रं
ॐ श्मशानस्थो महारुद्रो महाकालो दिगम्बरः ।
पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै read more कालभैरवः
पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः ।
विरचरन्त्यत्र कुत्रापि न विघ्नैः परिभूयते।
ॐ ह्रीं बटुकाय सततं सर्वाङ्गं मम सर्वदा ॥
बटुक भैरव कवच का व्याख्यान स्वयं महादेव ने किया है। जो इस बटुक भैरव कवच का अभ्यास करता है, वह सभी भौतिक सुखों को प्राप्त करता है।